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Monday, 16 October 2017

80.42 % लोगों ने कहा, डिप्लोमा इन फार्मेसी कोर्स पर लगे प्रतिबन्ध – सर्वे रिपोर्ट

80.42 % लोगों ने कहा, डिप्लोमा इन फार्मेसी कोर्स पर लगे प्रतिबन्ध – सर्वे रिपोर्ट

एक ऑनलाइन सर्वे के मुताबिक 80.48 %फार्मासिस्टों का मानना है कि अन्य देशों की तरह भारत में भी डिप्लोमा इन फार्मेसी कोर्स को बंद कर देना चाहिए . यह सर्वे द फार्मासिस्ट डॉट इन द्वारा करवाए गए थे.
नई दिल्ली : देश में फार्मेसी शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए है. एक अनुमानित आंकड़े के मुताबिक देश के करीब 70-75 फीसदी फार्मेसी कॉलेज फार्मेसी काउंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा बनाए मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं. ज्यादातर फार्मेसी कॉलेज सिर्फ एडमिशन और कोर्स के नाम पर मोटी कमाई में व्यस्त है. शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर कोई ध्यान नहीं है. कुछ टॉप कॉलेज को छोड़ दें तो प्रायः कॉलेजों में पर्याप्त शिक्षक तक नहीं है.
जानकारों के मुताबिक दुनिया के किसी भी देश में डिप्लोमा फार्मेसी का कोर्स नहीं चलाया जाता. सभी देशों ने इसपर प्रतिबन्ध लगा दिया है. यहाँ तक की पाकिस्तान और बांगलादेश जैसे देशों तक ने डिप्लोमा फार्मेसी कोर्स बंद कर दिया है.

घर बैठे दे देते हैं डिप्लोमा फार्मेसी का सर्टिफिकेट

सर्वे के दौरान यह बात भी सामने आई है कि बड़ी संख्या में फार्मेसी कॉलेज सिर्फ एडमिशन लेते है और दो साल के बाद डिप्लोमा सर्टिफिकेट थमा देते हैं. ऐसा करने के लिए कॉलेजों के संचालकों को मोटी रकम मिल जाती है. घर बैठे डिप्लोमा फार्मेसी करने वाले ज्यादातर दवा कारोबारी है जो अपने मेडिकल स्टोर चला रहे हैं. ऐसे में दवा व्यवसाई अपना कारोबार करते डिप्लोमा का सर्टिफिकेट हाशिल कर लेते हैं. कॉलेजों में फर्ज़ीवाड़े का आलम इस कदर है कि बैक डेट से भी एडमिशन कर डिप्लोमा सर्टिफिकेट देने ने नहीं चूकते. अगर आपके पास 4-5 चार लाख रुपए है तो आप डिप्लोमा फार्मेसी सर्टिफिकेट बड़े आराम से खरीद सकते हैं. इतना नहीं कॉलेजों में एडमिशन की दलाली करने वाले सर्टिफिकेट के साथ साथ फार्मेसी काउंसिल में रजिस्ट्रेशन भी बड़े आराम से करवा देते हैं. फार्मेसी में दलाली का यह रैकेट इतना बड़ा है कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ़ इंडिया के बड़े और नामचीन सदस्य से लेकर स्टेट फार्मेसी काउंसिल तक के पदाधिकारी शामिल है. कॉलेज से सर्टिफिकेट खरीदने के बाद यूपी, राजस्थान, बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश महाराष्ट्र की फार्मेसी काउंसिल बड़े आराम से रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जाता है.
जहाँ पूरी तरह विधिवत पढाई कर के स्टूडेंट्स फार्मेसी काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए सालों चक्कर लगते हैं. घर बैठे डिप्लोमा हाशिल करने वाले महज़ दो चार दिन में ही रजिस्ट्रेशन भी करवा लेते हैं. दिल्ली लखनऊ जयपुर भोपाल समेत कई शहरों में एडमिशन कंसल्टेन्सी चला रहे दलाल सक्रिय हैं.

पीसीआई और ड्रग माफियाओं के बिच सांठ गांठ

पीसीआई के बड़े अधिकारीयों और ड्रग माफियाओं के बीच सांठ गाँठ की खबरें भी आ रही है. चूँकि कुछ वर्ष पहले खुद फार्मेसी काउंसिल ऑफ़ इंडिया ने डिप्लोमा इन फार्मेसी कोर्स को बंद करने की बात कही थी. ठीक इसके बिपरीत जानकार पीसीआई ने एक के बाद एक नए कॉलेज खोलने के लिए अप्रूवल देना शुरू कर दिया. इसके पीछे ड्रग माफियाओं और पीसीआई अधिकारीयों की सांठ गाँठ की खबरें आ रही है . पीसीआई ने माफियाओं के कहने पर ही डिप्लोमा फार्मेसी कॉलेज बंद करने का प्रस्ताव रोक दिया.

यूपी बिहार समेत कई राज्यों के हज़ारों लाइसेंस ससपेंड

पिछले एक साल के दौरान करीब बीस हज़ार मेडिकल दुकानों को फार्मासिस्ट उपस्थित नहीं होने के कारण नोटिस दिए गए है. यूपी और झारखण्ड जैसे राज्यों में ऑनलाइन लाइसेंसिंग होने के बाद से फर्ज़ीवाड़े पर काफी हद तक रोक लगी है. ऐसे में दवा कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ गई है. नए सत्र में डिप्लोमा फार्मेसी में दाखिला लेने वाले 90 फीसदी दवा कारोबारी है. जो अपनी मेडिकल दुकान चलते हुवे डिप्लोमा फार्मेसी का सर्टिफिकेट हाशिल कर रहे हैं. ऐसे में कॉलजों की चाँदी हो रही है. मोटी रकम लेकर वे डिप्लोमा की होम डिलीवरी तक कर रहे.
चूँकि डिप्लोमा फार्मेसी के लिए अन्य प्रोफेशनल कोर्स की तरह कोई उम्र सीमा नहीं है. ऐसे में डिप्लोमा हासिल करने की होड़ में साठ सत्तर साल तक के बुजुर्ग भी डिप्लोमा हासिल करने की कतार में हैं. ऐसा ही मामला सोशल मीडिया में वाइरल हुवा था जहाँ एक 80 वर्षीय दवा कारोबारी ने बिहार कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी में दाखिला करवा लिया।

 रैकेट में शामिल को बेनक़ाब करें फार्मासिस्ट

द फार्मासिस्ट मीडिया ने डिप्लोमा फार्मेसी के नाम पर चल रहे रैकेट को खत्म करने के लिए एक मुहीम शुरू की है. देश भर के फार्मासिस्टों को इस मुहीम से जुड़ने की अपील की जाती है. इस मुहीम का हिस्सा बनिए. अगर आपकी जानकारी में कोई ऐसा कॉलेज है जो मानकों को पूरा नहीं कर रहा है और घर बैठे डिप्लोमा का सर्टिफिकेट उपलब्ध करवा रहा है तो उसकी सुचना polkhol@thepharmacist.in पर दें.

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